Monday, May 10, 2010

सीखा हैं .........हँसाना .........................!!
शुरू करता हूँ तारीफ मेरी कार्टून क्लास की
उलटफेर के धनी जिन्दादिलो की शान की ||

हँसते थे सब तो लगता ऐसा
रावन एक अकेला नहीं था एस दुनिया में अपने जैसा ||

ये उसके ही संगी साथी जो प्रकट हुए आज
अलौकिक मुस्कान के भण्डार जो बजाये रखते थे साज ||

एक अद्भुत यंहा की कीर्ति ,
जो अभिषेक कर जाती दुनिया की मुस्कान का
वो अकेली सुमेधा हैं दुनिया की
सबसे अनोखी क्लास की प्यारी शान का ||

फ़िल्मी यश 'नाना' भी हैं
यंहा मीनू का रिझाना भी हैं
अनामिका का बजाना भी हैं
मीनाक्षी को हँसाना भी हैं ||

यहाँ का हर दिन एक युग परिचायक
एक ओज सी प्रखरता का महानायक
जन्हा हर और लक्ष्मी भगिनी का
वादन सुर अनुपम हैं गायक ||

ये सब सितारे हैं मस्ती के
ये पैगाम हैं दुनिया की नयी हस्ती के ||

एक पागल फसाना भी हैं
सच्चे दिल का बहाना भी हैं
कई दिन हो गए याद करो
अब घर जाकर नहाना भी हैं ||

- दिलीप स्वामी

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