Wish You All a very very Happy New Year 2012

Coming up the exclusive Fly Peace Campaign... to know more details contact 9983762103

Saturday, March 6, 2010

प्रवाह - एक जीवन दृष्टि




प्रवाह यानी बहाव! कहा भी गया है कि बहता पानी निर्मला। लेकिन क्या यह बात पानी के अलावा मनुष्यों के विचारों और उसकी सोच पर भी उतनी ही लागू नहीं होती? विचारों के बहते रहने और उनके निर्मल बने रहने का क्या कोई सीधा संबंध है? एक युवा होने के नाते मुझे यह बात बहुत महत्वपूर्ण लगती है कि इस उम्र में हम अपने विचारों का निर्माण अपने आस पास के समाज से ही करते हैं और यह हमारी ‘जीवन दृष्टि’ के निर्धारण का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। आस-पास की घटनाओं और लोगों के बारे में हमारी राय एक बदलाव भी बन सकती है यदि हम उसे बनाना चाहें। फुटपाथ पर सोने वाले लोगों, वंचित समुदायों या फिर विस्थापन की दरिद्रता सभी लोगों के लिए एक जैसी संवेदना पैदा नहीं कर सकती। यह संवेदनाएं पैदा भी नहीं होती बल्कि यह हमारे विचारों का हिस्सा होती है जो रह-रह कर फूटती रहती है।
प्रवाह जयपुर इनिशिएटिव एक पहल से कहीं ज्यादा एक ‘जीवन दृष्टि’ का विचार है जो हमको हमें अपनी सोच और नजरिये को निरंतर परिष्कृत कर उसे निर्मल बनाये रखने के लिए अवसर प्रदान करता है। अब तक बने बनाये नजरियों से आगे बढ़कर स्वयं की सोच और रचनात्मकता को अपने भीतर देख पाना और निरंतर सीखते रहने के लिए प्रोत्साहन उसका एक अभिन्न अंग है। समाज को सीखाने से कहीं ज्यादा उससे सीखने का उत्साही कदम बढ़ाने वाले युवाओं के एक प्रवाह की जरूरत आज समाज में दिखाई देती है। हममें से कितने लोग इसके लिए आगे आते हैं और एक नई बहस हमारे भविष्य और सामाजिक सरोकारों को कितना निर्मल करती है यह प्रश्न हम सभी को मिलकर हल करना है।

Gopal Singh
Commutineer

No comments:

Copyright 2010-2011 Pravah Jaipur Initiative. All rights reserved.